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सफेद बैंगन उगाएं बेहतरीन मुनाफा कमाएं

सफेद बैंगन उगाएं बेहतरीन मुनाफा कमाएं

भारत में सफेद बैंगन का सर्वाधिक उत्पादन जम्मू में किया जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों के किसान अधिकाँश जम्मू से बीज लाकर अपने खेतों में इसका उत्पादन करते हैं। बहुत सारे लोग बैंगन की सब्जी खाना बहुत पसंद करते हैं। 

बैंगन की विभिन्न प्रकार की सब्जियां बनती हैं। कुछ लोग इसे कलौंजी बनाकर तो कुछ लोग इसका भर्ता बनाकर बड़े स्वाद से खाते हैं। हालाँकि, कुछ लोगों को आलू, टमाटर, बैंगन की सूखी सब्जी खाना बहुत अच्छा लगता है, तो कुछ लोगों को ग्रेवी वाली सब्जी सबसे ज्यादा भाती है। 

दरअसल, ये समस्त पकवान अधिकतर गहरे बैंगनी रंग के दिखने वाले बैंगन द्वारा निर्मित होते हैं। बतादें, कि इसके अतिरिक्त भी एक बैंगन और भी है, हालाँकि, यह बैंगन बाजार में कम उपलब्ध होता है। 

 परंतु यदि लोगों को मिल जाए तो इसको पसंद करने वाले लोग उसे घर लाने में कोई विलंब नहीं करते हैं। जिस बैंगन की हम चर्चा कर रहे हैं उसका नाम है, सफेद बैंगन जो कि बिल्कुल अंडे की भांति दिखाई देता है। 

सफेद बैंगन की मांग बाजार में बेहद तीव्रता से बढ़ती जा रही है, सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी इसकी काफी मांग देखने को मिल रही है।

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सफेद बैंगन के उत्पादन हेतु सबसे अच्छा वक्त फरवरी एवं मार्च का माह होता है। दरअसल, भारत के बहुत से इलाकों में इसके पौधे दिसंबर के अंत में भी रोपे जाने लगते हैं। 

साथ ही, जून-जुलाई के माह में भी सफेद बैंगन का भरपूर उत्पादन होता है। यदि आप खेती किसानी करते हैं, तो बेहतर मुनाफा कमाने के लिए सफेद बैंगन काफी सहायक साबित होगा।

सफेद बैंगन का पौधा इस तरह से लगाएं

सफेद बैंगन की बुआई करते समय किसानों को एक से डेढ़ मीटर लंबी एवं तकरीबन 3 मीटर चौड़ी कुदाल से क्यारी बनाना बहुत जरूर है। 

उसके उपरांत गुड़ाई करके मृदा को भुरभुरा करना है एवं प्रत्येक क्यारी में करीब दो सौ ग्राम डीएपी(DAP) लगाकर भूमि को एकसार करना होगा। 

इसके उपरांत बैंगन के बीजों को थीरम से उपचारित कर, एक रेखा खींच कर उसमें बुआई करनी होगी। उसके उपरांत इसको पुआल के जरिये से ढक देना अत्यंत आवश्यक है। कुछ समय में इसमें से पौधे निकल आएंगे।

सफेद बैंगन सर्वाधिक कहाँ उगाया जाता है

सफेद बैंगन का उत्पादन सर्वाधिक भारत के जम्मू में होता है। जम्मू से ही बीज लेकर विभिन्न क्षेत्रों के किसान इसकी खेती करते हैं। सफेद बैंगन की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं बिहार जैसे राज्यों के किसान इसका उत्पादन करते हैं। 

परंतु वह बहुत छोटी एवं कम क्षेत्रफल में होती है। यदि आप इस सब्जी द्वारा अच्छा खासा लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसका उत्पादन भी आपको अधिक करना होगा। 

सफेद बैंगन की सब्जी में काले रंग वाले बैंगन से अधिक पौष्टिक गुण विघमान होते हैं, इस वजह से बाजार में इसकी मांग भी काफी अधिक है।

'एक देश में एक फर्टिलाइजर’ लागू करने जा रही केंद्र सरकार

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भारत ब्रांड के तहत बिकेंगे देश में सभी उर्वरक

नई दिल्ली। देश भर में फर्टिलाइजर ब्रांड में यूनिफॉर्मिटी लाने के लिए सरकार एक देश में एक ही फर्टिलाइजर (One Nation One Fertilizer) के तहत काम करने जा रही है। भारत सरकार आज से एक आदेश जारी कर सभी कंपनियों को अपने उत्पादों को 'भारत' के सिंगल ब्रांड नाम के तहत बेचने का निर्देश दिया है। अब देश मे सभी फर्टिलाइजर ब्रांड एक ही नाम से बिकेंगे। देश भर में फर्टिलाइजर ब्रांड में यूनिफॉर्मिटी लाने के लिए सरकार ने आज एक आदेश जारी कर सभी कंपनियों को अपने उत्पादों को 'भारत' के सिंगल ब्रांड नाम के तहत बेचने का निर्देश दिया है।



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आदेश के बाद सभी उर्वरक बैग, चाहे यूरिया या डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) या म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP - Muriate of Potash) या एनपीके (NPK) हों, वह सभी ब्रांड नाम 'भारत यूरिया', 'भारत DAP', 'भारत MOP' और 'भारत NPK' के नाम से बाजार मे बिकेंगे। प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के मैन्युफैक्टर दोनों को भारत ब्रांड नाम देना होगा।


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हालांकि, इसका फर्टिलाइजर कंपनियों ने नेगेटिव प्रतिक्रया दी है। कंपनियों के मुताबिक उनके ब्रांड वैल्यू और मार्केट में फर्क उन्हें खत्म कर देगा। सरकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि सिंगल ब्रांड नाम और प्रधानमंत्री भारतीय जनउरवर्क परियोजना (PMBJP) का लोगो भी लगाना होगा। ये वो स्कीम है जिसके जरिये केंद्र सरकार सालाना सब्सिडी देती है। कंपनी को ये लोगो (Logo) बैग पर दिखाना होगा। इंडस्ट्री के मुताबिक कुल पैकेजिंग के छोटे हिस्से पर ही कंपनी का नाम लिखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम उर्वरक कंपनियों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि अलग ब्रांडिंग होने से फर्टिलाइजर में किसानों को फर्क साफ तरीके से दिखाई देगा। फर्टिलाइजर कंपनियां अपने आप को दूसरों से अलग करने के लिए कई तरह की एक्टिविटी करती है। इसके बाद यह सब शीघ्र ही बंद हो जाएगा। ---- लोकेन्द्र नरवार